भारी बारिश से जूझ रहा उत्तराखंड, सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ किया।

भारी बारिश से जूझ रहा उत्तराखंड, सरकार ने राहत कार्यों को तेज़ किया।
देहरादून, 16 सितम्बर।उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पर्वतीय जिलों में भूस्खलन और नदियों के उफान से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य सरकार ने हालात को गंभीर मानते हुए आपदा प्रबंधन तंत्र को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है।
मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आपात बैठक बुलाई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्थिति में लोगों की सुरक्षा से समझौता न हो। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों के घर या खेत बारिश से प्रभावित हुए हैं, उन्हें तुरंत अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए और हर संभव सहायता दी जाए।
केंद्र से सहयोग की उम्मीद
भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र से भी मदद मांगी है। दिल्ली में गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है और यदि जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त एनडीआरएफ टीमों को भेजा जाएगा।
राहत और बचाव अभियान
देहरादून, टिहरी, चंपावत और चमोली जिलों में कई सड़कें भूस्खलन की वजह से बंद हो गई हैं। एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगातार मलबा हटाने और फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकालने का काम कर रही हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति और पेयजल की समस्या सामने आ रही है, जिसे बहाल करने के लिए ऊर्जा और जल संस्थान विभाग की टीमें काम कर रही हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 48 घंटे तक और भारी बारिश की संभावना जताई है। इसको देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों को संवेदनशील इलाकों में न जाने की सलाह दी है। खासकर चारधाम यात्रा मार्गों पर अलर्ट जारी किया गया है।
जनजीवन पर असर
बारिश की वजह से कई ग्रामीण सड़कें टूट गई हैं, पुलों को नुकसान पहुंचा है और खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो रही हैं। राज्य सरकार ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और कहा है कि किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।