मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रगति करता उत्तर प्रदेश।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रगति करता उत्तर प्रदेश।
उत्तर प्रदेश।जो देश का सबसे बड़ा राज्य है, लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से केंद्र में रहा है। इस राज्य की प्रगति का सीधा असर न केवल भारत की राजनीति पर पड़ता है बल्कि राष्ट्रीय विकास की गति को भी प्रभावित करता है। मार्च 2017 में जब गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया, तब बहुतों को यह विश्वास नहीं था कि वे प्रशासनिक मोर्चे पर कितने कारगर साबित होंगे। लेकिन बीते वर्षों में उनके नेतृत्व ने राज्य की तस्वीर और तकदीर दोनों को बदलने का प्रयास किया है।
योगी सरकार ने कानून-व्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, औद्योगिक निवेश, किसानों की भलाई, महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ठोस पहल की है। उनके कामकाज की शैली “सख़्त अनुशासन” और “नियम आधारित शासन” पर आधारित है।
योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की सख्ती
योगी आदित्यनाथ के शासन की सबसे बड़ी पहचान कानून-व्यवस्था को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है। उत्तर प्रदेश लंबे समय तक अपराध और माफिया तंत्र के लिए बदनाम रहा। हत्या, फिरौती, जमीन कब्ज़ा और दंगों की घटनाएँ आम थीं। योगी सरकार ने सबसे पहले इसी मोर्चे पर काम किया।
एंटी-रोमियो स्क्वॉड: महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गठित किया गया, जिससे छेड़छाड़ और उत्पीड़न की घटनाओं में गिरावट आई।
एनकाउंटर नीति: अपराधियों पर सख्ती दिखाते हुए पुलिस को सक्रिय बनाया गया। कई बड़े माफिया सरगना या तो जेल भेजे गए या पुलिस कार्रवाई में ढेर हुए।
गैंगस्टर एक्ट और संपत्ति ज़ब्ती: अपराधियों की अवैध संपत्तियों को बुलडोज़र से गिराकर एक स्पष्ट संदेश दिया गया कि कानून से खिलवाड़ करने वालों की जगह जेल ही है।
दंगा नियंत्रण: जहाँ पहले छोटे विवाद भी बड़े दंगों का रूप ले लेते थे, वहीं अब प्रशासनिक सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से ऐसी घटनाएँ लगभग थम गई हैं।
बुनियादी ढाँचा और विकास परियोजनाएँ
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को “इंफ्रास्ट्रक्चर हब” बनाने का लक्ष्य रखा है।
1. एक्सप्रेसवे
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं ने राज्य के दूर-दराज़ इलाकों को राजधानी और बड़े शहरों से जोड़ा।
इससे न केवल परिवहन सुविधाएँ सुधरीं बल्कि उद्योग और व्यापार के अवसर भी बढ़े।
2. एयरपोर्ट विकास
लखनऊ और वाराणसी एयरपोर्ट का विस्तार हुआ।
कुशीनगर, अयोध्या और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी परियोजनाएँ पर्यटन और निवेश को गति देने वाली साबित होंगी।
3. शहरी विकास
स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, प्रयागराज आदि शहरों का कायाकल्प हो रहा है।
सड़क, सीवर, पेयजल और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाओं को दुरुस्त करने पर ध्यान दिया गया है।
औद्योगिक निवेश और रोजगार
योगी सरकार ने “इन्वेस्टर्स समिट” और “ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट” के जरिए देश-विदेश की कंपनियों को राज्य में निवेश करने के लिए आकर्षित किया।
डिफेंस कॉरिडोर: बुंदेलखंड और आसपास के क्षेत्रों में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र विकसित किया जा रहा है।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक हब: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आईटी कंपनियों और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को बढ़ावा मिला।
स्टार्टअप नीति: युवाओं को नवाचार और स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया।
इन प्रयासों से लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुआ है।
कृषि और किसानों के लिए पहल
उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। योगी सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया।
किसान ऋण माफी योजना: लाखों किसानों का कर्ज माफ किया गया।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि: केंद्र सरकार की इस योजना को राज्य सरकार ने पूरी सक्रियता से लागू किया।
खरीद केंद्र और एमएसपी: गेंहू और धान की सरकारी खरीद सुनिश्चित करने के लिए अधिक केंद्र खोले गए।
सिंचाई योजनाएँ: नहरों की सफाई और नई परियोजनाओं से पानी की उपलब्धता बढ़ाई गई।
शिक्षा और युवा के क्षेत्र में
योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा सुधारों पर भी ज़ोर दिया।
स्कूल चलो अभियान: बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया।
सरकारी स्कूलों में सुधार: भवन, शौचालय, किताबें, ड्रेस और मिड-डे मील की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया।
डिजिटल शिक्षा: टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण योजना के तहत युवाओं को तकनीक से जोड़ा गया।
विश्वविद्यालय और कॉलेज: कई नए विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज खोले गए।
स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव
कोविड-19 महामारी के समय योगी सरकार की कार्यप्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय रही।
ऑक्सीजन आपूर्ति: संकट के समय प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कराए गए।
पीएचसी और सीएचसी: ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधाओं में सुधार किया गया।
मेडिकल कॉलेज: हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
टीकाकरण अभियान: यूपी देश के सबसे अधिक टीकाकरण करने वाले राज्यों में शामिल रहा।
महिलाओं के लिए सुरक्षा और कल्याण
महिलाओं की सुरक्षा योगी सरकार की प्राथमिकताओं में रही है।
मिशन शक्ति अभियान: महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा व आत्मनिर्भरता पर केंद्रित यह अभियान व्यापक स्तर पर चलाया गया।
1090 वीमेन पावर लाइन: हेल्पलाइन सेवाओं को और मज़बूत किया गया।
महिला स्वावलंबन योजनाएँ: महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण और प्रशिक्षण दिया गया।
धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण
योगी आदित्यनाथ स्वयं गोरक्षपीठ के महंत हैं, इसलिए धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहा।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण: सदियों पुराने विवाद का शांतिपूर्ण समाधान होने के बाद योगी सरकार ने मंदिर निर्माण से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं को तेजी से आगे बढ़ाया।
काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर: वाराणसी में भव्य कॉरिडोर का निर्माण कर धार्मिक पर्यटन को नया आयाम दिया।
मथुरा-वृंदावन और प्रयागराज: कुंभ मेले का भव्य आयोजन और तीर्थ स्थलों का विकास किया गया।
डिजिटल और ई-गवर्नेंस
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए योगी सरकार ने ई-गवर्नेंस पर बल दिया।
ऑनलाइन सेवाएँ: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी, पेंशन आदि सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध कराई गईं।
डिजिटल पेमेंट: भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकारी योजनाओं की धनराशि सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जाने लगी।
ई-ऑफिस सिस्टम: विभागों में कागज़ी कार्यवाही कम करके डिजिटल कार्यशैली को बढ़ावा दिया गया।
सीएम योगी की आलोचना और चुनौतियाँ
जहाँ एक ओर योगी सरकार की नीतियाँ प्रशंसा बटोर रही हैं, वहीं आलोचना भी हुई है।कुछ लोगों का मानना है कि बुलडोज़र नीति कभी-कभी अति कठोर हो जाती है।बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर विपक्ष सवाल उठाता है।ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की अभी और ज़रूरत है।फिर भी, इन चुनौतियों के बावजूद योगी सरकार ने राज्य को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के रूप में एक ऐसे नेता की छवि बनाई है जो अनुशासनप्रिय, निर्णायक और जनहितैषी हैं। उनके सरकारी कार्यों ने उत्तर प्रदेश को “बीमारू राज्य” की छवि से निकालकर एक “उभरते हुए विकसित राज्य” की दिशा में आगे बढ़ाया है।
आज उत्तर प्रदेश कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, धार्मिक पर्यटन और सामाजिक कल्याण योजनाओं के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाने लगा है। योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली ने यह संदेश दिया है कि कठोर अनुशासन, पारदर्शिता और विकास पर फोकस रखकर किसी भी बड़े राज्य की दशा और दिशा बदली जा सकती है।



