लखनऊ: जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमला, सिर पर लगे 5 से अधिक टांके।

लखनऊ: जेल में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमला, सिर पर लगे 5 से अधिक टांके।
लखनऊ की जेल से बड़ी खबर सामने आई है। समाजवादी पार्टी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति पर एक बंदी ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि झगड़ा इतना बढ़ गया कि बंदी ने अचानक कैंची से वार कर दिया, जिसके चलते पूर्व मंत्री के सिर पर गंभीर चोट आई। डॉक्टरों को उनके सिर में 5 से अधिक टांके लगाने पड़े। फिलहाल गायत्री प्रजापति को जेल अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
कैसे हुआ विवाद?
जेल सूत्रों के मुताबिक यह घटना उस समय हुई जब एक बंदी सफाई का काम कर रहा था। इसी दौरान गायत्री प्रजापति और उस बंदी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। आरोप है कि इस दौरान गाली-गलौज भी हुई। विवाद बढ़ने पर सफाई कर रहे बंदी ने पास में रखी कैंची उठा ली और पूर्व मंत्री पर हमला कर दिया।
जेल प्रशासन का बयान
हालांकि जेल प्रशासन ने इस हमले को गंभीर नहीं माना है। अधिकारियों का कहना है कि गायत्री प्रजापति को हल्की चोट आई है और कैंची से वार किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। प्रशासन का कहना है कि जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।
सपा ने उठाए सवाल
घटना सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी ने सरकार और जेल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा –
“जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर हमले की खबर चिंताजनक है। प्रशासन को तत्काल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जेल जैसी सुरक्षित जगह में बंदी पर हमला कैसे हुआ।
साजिश या सामान्य विवाद?
जेल सूत्रों का कहना है कि यह हमला सिर्फ झगड़े का नतीजा नहीं भी हो सकता। आशंका जताई जा रही है कि यह हमला जानबूझकर करवाया गया हो या इसके पीछे किसी बड़ी साजिश का हाथ हो सकता है। वहीं कुछ अधिकारियों का मानना है कि मामला केवल गाली-गलौज से शुरू हुआ विवाद था, जो बढ़कर हमले तक पहुंच गया।
विपक्ष को मिला नया मुद्दा
इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष पहले से ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है और अब जेल के अंदर हुई इस घटना ने सरकार को घेरने का नया मौका दे दिया है।
कुल मिलाकर, गायत्री प्रजापति पर हुआ यह हमला जेल सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक सतर्कता पर बड़े सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि जांच में सच सामने आता है या मामला केवल सामान्य झगड़े के रूप में बंद कर दिया जाता है।



