धर्म

वाराणसी में गंगा महाआरती में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गूँजे ‘हर हर महादेव’ के जयकारे।

वाराणसी में गंगा महाआरती में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गूँजे ‘हर हर महादेव’ के जयकारे।

वाराणसी।धार्मिक नगरी काशी में सोमवार की शाम आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। गंगा तट पर दशाश्वमेध घाट पर आयोजित भव्य गंगा महाआरती में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। आरती की अलौकिक छटा और गूँजते मंत्रोच्चार ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।

आस्था का समंदर

सूर्यास्त के बाद जैसे ही आरती का समय हुआ, घाट पर दूर-दूर से आए श्रद्धालु एकत्र हो गए। पंडितों ने पारंपरिक वेशभूषा में शंखध्वनि और घंटों की गूंज के बीच महाआरती की शुरुआत की। हाथों में दीप थामे आरती करते पुरोहितों के साथ भक्त भी “गंगा मैया की जय” और “हर हर महादेव” का उद्घोष करते रहे।

श्रद्धालुओं की भीड़

इस अवसर पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए पर्यटक भी मौजूद थे। हर कोई इस दिव्य दृश्य को अपने कैमरे और मोबाइल में कैद करने के लिए आतुर दिखाई दिया। घाट पर मौजूद श्रद्धालुओं का कहना था कि गंगा आरती का अनुभव उन्हें अद्वितीय शांति और आध्यात्मिक सुख प्रदान करता है।

व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम

भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष इंतज़ाम किए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों की टीम सुरक्षा व्यवस्था संभालने में जुटी रही। गंगा सेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए बैठने और दर्शन की बेहतर व्यवस्था की गई थी।

पर्यटन और धार्मिक महत्व

गंगा आरती न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह वाराणसी आने वाले पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण भी बन चुकी है। माना जाता है कि गंगा महाआरती में शामिल होने से व्यक्ति को जीवनभर के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

शहर में रौनक

आरती के बाद घाटों पर दीपदान का कार्यक्रम हुआ। सैकड़ों दीये गंगा की लहरों पर तैरते दिखाई दिए, जिससे पूरा वातावरण दिव्य आलोक से जगमगा उठा। घाटों पर भक्ति गीतों और भजन की धुनों के बीच देर रात तक श्रद्धालु डटे रहे।

 

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