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उत्तर प्रदेश में कोल्डड्रिफ सिरप पर बैन, एफएसडीए करेगी सैंपल जांच।

उत्तर प्रदेश में कोल्डड्रिफ सिरप पर बैन, एफएसडीए करेगी सैंपल जांच।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। स्रेसन फार्मास्युटिकल के कोल्डड्रिफ सिरप के मामले में प्रदेश की फूड एंड ड्रग्स सेफ्टी एंड एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने सभी जिलों में इस सिरप की बिक्री और वितरण पर पूरी तरह रोक लगा दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस दवा का उपयोग सुरक्षित नहीं माना जाता और इसकी जांच की जाएगी।

एफएसडीए ने जारी किए आदेश

सहायक आयुक्त दिनेश कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी जिलों के औषधि निरीक्षकों को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं कि सरकारी अस्पतालों और निजी दवा दुकानों से सिरप के नमूने लिए जाएँ। ये नमूने लखनऊ स्थित एफएसडीए की प्रयोगशाला में गुणवत्ता परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक जिले में अधिकारियों को सभी दवा विक्रेताओं से सहयोग करना होगा ताकि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हो।

गुणवत्ता में गड़बड़ी की स्थिति में कार्रवाई

एफएसडीए ने चेतावनी दी है कि अगर जांच में यह पाया जाता है कि सिरप की गुणवत्ता में कोई कमी या गड़बड़ी है, तो कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और नकली या खराब दवाओं से बचाने के लिए उठाया गया है।

जनता से की गई अपील

अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे फिलहाल इस सिरप का उपयोग न करें। जिन लोगों के पास यह सिरप मौजूद है, वे इसे नष्ट न करें बल्कि निकटतम दवा दुकान या स्वास्थ्य केंद्र में इसकी जानकारी दें। इससे अधिकारियों को जांच में आसानी होगी और संभावित खतरे को रोका जा सकेगा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कफ और सर्दी के लिए बाजार में कई सुरक्षित और प्रमाणित विकल्प उपलब्ध हैं। वे लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि केवल मान्यता प्राप्त और सुरक्षित स्रोत से ही दवा लें। विशेषज्ञों के अनुसार समय पर कार्रवाई और जागरूकता ही लोगों की सेहत सुरक्षित रखने में मदद कर सकती है।

दवा कंपनियों के लिए चेतावनी

यह घटना दवा कंपनियों के लिए भी एक साफ चेतावनी है कि गुणवत्ता मानक बनाए रखना अनिवार्य है। यदि किसी दवा में दोष पाया जाता है, तो उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एफएसडीए ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस कदम से उपभोक्ताओं को सुरक्षित दवाइयाँ उपलब्ध होंगी और किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जोखिम से बचाव होगा। एफएसडीए ने अपने निर्देशों में कहा है कि सभी जिलों के अधिकारी और दवा विक्रेता पूरी तरह सहयोग करें, ताकि जनता की सेहत को किसी भी प्रकार का खतरा न पहुंचे।

 

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