धागे वाली मिश्री: सेहत का मीठा खज़ाना, जानिए इसके अनोखे फायदे।

धागे वाली मिश्री: सेहत का मीठा खज़ाना, जानिए इसके अनोखे फायदे।
लखनऊ। भारतीय घरों में अक्सर पूजा, प्रसाद और पारंपरिक नुस्खों में इस्तेमाल की जाने वाली धागे वाली मिश्री न केवल स्वाद बढ़ाने का काम करती है बल्कि यह सेहत के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं है। धागे जैसी बनावट वाली यह पारंपरिक मिश्री धीरे-धीरे घुलती है और शरीर पर कई सकारात्मक असर डालती है। यही कारण है कि आयुर्वेद में इसे प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत माना गया है।
1. पाचन को बेहतर बनाती है
भोजन के बाद थोड़ी सी धागे वाली मिश्री खाने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है। यह गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या को दूर करने में मदद करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना है कि मिश्री पेट की गर्मी को कम करती है और पेट को ठंडक देती है।
2. ऊर्जा और ताजगी का स्रोत
धागे वाली मिश्री को प्राकृतिक शुगर माना जाता है। यह शरीर में तुरंत ग्लूकोज पहुंचाकर थकान मिटाती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ाती है। गर्मी के मौसम में मिश्री का शर्बत पीना शरीर को तरोताजा रखने का आसान उपाय है।
3. गले और खांसी के लिए लाभकारी
गले में खराश, सूजन या खांसी की समस्या होने पर मिश्री का सेवन बहुत लाभकारी माना जाता है। इसे तुलसी या अदरक के साथ लेने से खांसी जल्दी शांत हो जाती है। बच्चे और बड़े, दोनों इसे आसानी से खा सकते हैं।
4. आंखों की रोशनी में सुधार
धागे वाली मिश्री को सौंफ के साथ खाने से आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है। यह परंपरागत नुस्खा खासकर ग्रामीण इलाकों में आज भी अपनाया जाता है।
5. मानसिक शांति और नींद में सहायक
रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में धागे वाली मिश्री मिलाकर पीने से मन को शांति मिलती है और नींद अच्छी आती है। यह तनाव और थकान को दूर करने में भी सहायक है।
6. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है
नियमित और संतुलित मात्रा में मिश्री का सेवन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसमें मौजूद मिनरल्स और प्राकृतिक तत्व रोगों से बचाव में मदद करते हैं।
सावधानी जरूरी
हालांकि धागे वाली मिश्री के कई फायदे हैं, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
इस प्रकार, साधारण-सी दिखने वाली धागे वाली मिश्री वास्तव में स्वास्थ्य के लिए एक प्राकृतिक औषधि है, जिसे हमारी दादी-नानी पीढ़ियों से अपनाती आ रही हैं।