स्वतंत्रता सेनानियों की मदद के लिए एमएलसी ने सीएम से की अपील।

*स्वतंत्रता सेनानियों की मदद के लिए एमएलसी ने सीएम से की अपील*
*एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने जांच कर मुआवजा दिलाने की भी की मांग*
एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने देश के लिए अप्रतिम संघर्ष और बलिदान करने वालों की मदद के। लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से अपील की है। उन्होंने बुजुर्ग सेनानी की जमीन को तालाब में दर्ज करने को लेकर उनका ध्यान आकर्षित किया है। एमएलसी ने सीएम योगी को हकीकत बताते हुए मामले की जांच कराने को कहा है।
एम एल सी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने पत्र में लिखा ह कि स्वतंत्रता सेनानियों के अप्रतिम संघर्ष और बलिदान से देश को आजादी मिली थी। जन-जन के मन में स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति असीम श्रद्वा व सम्मान का भाव है। पूरा देश स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करता है। इसी क्रम में अवगत कराना है कि स्वतंत्रता सेनानी श्री कृष्ण सिंह पुत्र विश्वनाथ सिंह निवासी भौवापार को 20 एकड़ जमींन तालनदौर तहसील-सदर परगना-भौवापार जिला-गोरखपुर में आवांटित कि गयी थी जो उनके परिजनो के नाम राजस्व अभिलेख में अब तक दर्ज था । जिला प्रसाशन नें आप को अंधेरे में रखकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे में मिली हुई जमींन को ताल की जमींन बताते हुए खारिज कर भूराजस्व अभिलेखो में सरकारी जमींन दर्ज कर दिया । उन्होंने लिखा है कि सैकड़ो वर्षों से स्थानीय किसानो का नाम उक्त जमींन पर दर्ज था और उनके परिजन जमींन को अब तक जोतते बोते आ रहे है।
*चकबंदी अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग*
गाटा संख्या- (1). 127/266 (2). 587/80 (3). 1082/75 में से सैकड़ो वर्षों से खेती करने वाले आपके प्रियजनो राजकुमार शाही, पृथ्वीराज शाही, चीनकू यादव, नन्दलाल यादव, अनूप कुमार सिंह, अनन्त कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, नैनवास सिंह, वीरभद्र सिंह, उषा सिंह, अविनाश प्रताप सिंह वगैरह इनका नाम खारिज कर आश्चर्यजनक रूप से उस गाटा संख्या से अन्य सैकड़ो लोगो को चकबन्दी अधिकारियो ने लेन-देन करके आवंटित कर दिया गोरक्षपीठ के प्रति आस्था रखने वाले लोगो के लिए यह जमींन ताल की बताई जा रही हे। और उसी गाटे की जमींन को दूसरे लोगो को किस नियम से आंवटित कर रहे है। और उनकी भूमिका की भी जॉच होनी चाहिए।
*स्वतंत्रता सेनानी गोरक्षनाथ पीठ के हैं भक्त*
उपरोक्त सभी लोग कई पीढियों से गोरखक्षपीठ के भक्त है जिन्हे आप व्यक्तिगत रूप से भी जानते है। विकास परियोजनायें विकास के नाम पर विस्थापन और विनाश की कीमत पर नहीं होनी चाहिए।
*बाजार मूल्य पर मुआवजा देने की मांग*
उन्होंने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानी कोटे में आवंटित जमींन को उनके परिजनो के नाम दर्ज करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनो के सम्मान व हितो की रक्षा की जाए। साथ ही सैकड़ो वर्षों से उस जमींन को जोतने बोने वाले स्थानीय किसानो के भी जमींन उनके नाम दर्ज किया जाए यदि किसी उपक्रम के लिए जमींन लेनी आवश्यक है तो उनका वर्तमान बाजार मूल्य पर मुआवजा दिया जाए।
T.N. MISHRA
SENIOR JOURNALIST



