सीएम से अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के आमेलन की गुहार।

सीएम से अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के आमेलन की गुहार।
प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के आमेलन के आमेलन न किए जाने पर एम एल सी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर तदर्थ शिक्षकों के प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की गलत व्याख्या करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने की अपील की है। देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम से कहा है कि अफसरों ने सरकार को भी गुमराह किया है। उन्होंने कहा है कि जो अधिकारी सर्वोच्च न्यायालय में तदर्थ शिक्षकों के खिलाफ पैरवी कर रहे थे वह हकीकत से कोसों दूर हैं।
रिक्त पदों पर किया जाना चाहिए आमेलन।
एम एल सी ने कहा है कि तदर्थ शिक्षकों की समस्या का सर्वोत्तम समाधान रिक्त पदों पर उनका आमेलन किया जाना होगा। यह निर्णय राजनीतिक नेतृत्व को लेना है क्योंकि राजनैतिक नेतृत्व ही जनता के प्रति जवाबदेह होता है न कि अधिकारी। जनचर्चा में है कि तदर्थ शिक्षकों को बहुत ही न्यूनतम मानदेय देने पर विचार हो रहा है। तदर्थ शिक्षकों को भीख नहीं समानता का अधिकार चाहिए । क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही अवधारित किया है कि समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस भाव का आदर करते हुए सभी तदर्थ शिक्षकों को रिक्त पदों पर आमेलित किये जाने की मांग करता हूँ।
सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुरूप कदम उठाए सरकार।
एम एल सी देवेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुसार कदम उठाना चाहिए। संजय सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार सिविल वाद नम्बर -8300 वर्ष 2016 के आदेश पर विचार किया जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय में अपने आदेश दिनांक 19 सितम्बर 2019 में यह आदेश पारित किया कि-
” we have impressed upon the state that nature of matter is such, rather than taking an adversarial view, some solution has to be found administratively”
हम बलपूर्वक यह कहना चाहते है कि, मुद्दे की गम्भीरता के आलोक में हमे तदर्थ शिक्षकों के प्रति प्रतिवादीभव (adversial view) रखने के बजाय प्रशासनिक हल निकालने का प्रयत्न करना चाहिए।
T.N. MISHRA
SENIOR JOURNALIST



