धर्म

16 अगस्त को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी की सम्पूर्ण पूजा विधि।

16 अगस्त को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी की सम्पूर्ण पूजा विधि।

लखनऊ 15 अगस्त।कल यानी 16 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महा पर्व है।इस त्योहार को भारत और पूरे विश्व मे बहुत धूम – धाम से मनाया जाता है।यह त्योहार श्री कृष्ण के प्रति अटूट श्रद्धा और प्रेम का विषय भी माना जाता है। यह पर्व भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में हर वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

मथुरा, वृंदावन, द्वारका और देशभर के प्रमुख मंदिरों में भव्य सजावट, झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियां चरम पर हैं। भक्तगण दिनभर उपवास रखकर रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव मनाएंगे।

जन्माष्टमी पूजा विधि ।

1. प्रातः स्नान और संकल्प – सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।

2. पूजा स्थान की तैयारी – घर में पूजा के लिए स्वच्छ स्थान पर लाल या पीले वस्त्र का आसन बिछाएं और श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

3. श्रीकृष्ण का अभिषेक – गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत अभिषेक करें।

4. श्रृंगार और भोग – अभिषेक के बाद श्रीकृष्ण को नए वस्त्र, मोर पंख का मुकुट और आभूषण पहनाएं। माखन-मिश्री, फल और मिठाई का भोग लगाएं।

5. भजन-कीर्तन और जन्म महोत्सव – रात 12 बजे जन्म आरती करें, शंख-घंटी बजाकर उत्सव मनाएं।

6. व्रत का पारण – अगले दिन सुबह भोग लगाने के बाद व्रत का पारण करें।

 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी की महत्वपूर्ण तथ्य।

मुंबई और कई शहरों में दही-हांडी प्रतियोगिता होगी, जिसमें युवाओं की टीमें पिरामिड बनाकर मटकी फोड़ेंगी।

मथुरा के जन्मभूमि मंदिर में विशेष आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिनका लाइव प्रसारण होगा।

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में मंगल दर्शन और फूल बंगला सजावट होगी।

 

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