योगी कैबिनेट की बैठक आज, छात्रवृत्ति समेत कई प्रस्तावों पर होगी चर्चा।

योगी कैबिनेट की बैठक आज, छात्रवृत्ति समेत कई प्रस्तावों पर होगी चर्चा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की अहम बैठक आज शाम 5 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने जा रही है। बैठक में शिक्षा, सामाजिक कल्याण और विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण एजेंडे रखे जाएंगे। माना जा रहा है कि सरकार इस बैठक में कुछ बड़े फैसले लेकर लाखों छात्रों और आम लोगों को राहत देने की तैयारी में है।
छात्रवृत्ति पोर्टल दोबारा खोले जाने पर प्रस्ताव
सबसे चर्चित प्रस्ताव छात्रवृत्ति वितरण से जुड़ा है। बीते सत्र में करीब 6 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पाया था। अब सरकार पोर्टल को दोबारा खोलने पर विचार कर रही है, ताकि छूटे हुए पात्र छात्रों को स्कॉलरशिप का फायदा दिया जा सके। यह निर्णय गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए राहत की खबर साबित हो सकता है।
शिक्षा और सामाजिक कल्याण पर फोकस
बैठक में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े कुछ और मसलों पर भी चर्चा की संभावना है। सरकार छात्र हितैषी योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक कल्याण विभाग की नई नीतियों पर भी विचार कर सकती है।
विकास और निवेश से जुड़े प्रस्ताव आ सकते है
सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट बैठक में बुनियादी ढांचे, औद्योगिक निवेश और रोजगार से जुड़े प्रस्ताव भी लाए जाएंगे। प्रदेश में चल रही विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए सरकार नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे सकती है।
क्यों अहम है यह बैठक?
प्रदेश में बड़ी संख्या में छात्रवृत्ति का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में आज की बैठक उनके लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, आने वाले महीनों में कई विकास कार्य और निवेशक योजनाएं शुरू होनी हैं, इसलिए सरकार इनके लिए भी हरी झंडी देने का मन बना सकती है।
विपक्ष की नज़र भी बैठक पर
विपक्षी दलों ने पहले ही छात्रवृत्ति को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि गरीब और वंचित तबके के छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। ऐसे में आज की बैठक में इस मुद्दे पर लिए जाने वाले निर्णय को विपक्ष करीब से देख रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार का यह कदम विपक्ष के आरोपों को जवाब देने और जनता का भरोसा मजबूत करने की कोशिश भी हो सकता है।
आज की कैबिनेट बैठक न केवल छात्रों के लिए राहत भरी हो सकती है, बल्कि विकास और राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी अहम साबित हो सकती है।



