लखनऊ

जबरन धर्मांतरण दोषियों पर हो सख्त कार्यवाही,

जबरन धर्मांतरण दोषियों पर हो सख्त कार्यवाही, लेकिन किसी निर्दोष को राजनीतिक या ब्यग्तिगत द्वेष के कारण न फसाया जाये: आराधना मिश्रा मोना।

लखनऊ ।कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने धर्मांतरण कानून में लाए गए संशोधन पर भाजपा योगी आदित्यनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इस कानून के बहाने लोगों के अधिकारों को समाप्त कर पुलिस स्टेट थोपने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ उन्होंने प्रदेश में हो रहे पेपर लीक पर भाजपा सरकार को घेरा है। मोना ने नकल माफियाओं पर कार्यवाही में कानून का निष्पक्ष पालन न करने का आरोप लगाया है।
*मुख्य बजट पर श्वेत पत्र लाने की मांग*

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना मगलवार को विधानसभा में अपनी पार्टी का पक्ष रख रही थीं । उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल योजना की व्यावहारिकता पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को पेश किए गए अनुपूरक बजट पर चुटकी लेते हुए इसे सिर्फ दिखावा करार दिया है। उन्होंने मुख्य बजट के खर्चे पर श्वेत पत्र लाने की मांग की है ।

*धर्मांतरण कानून को कटघरे में खड़ा करते हुए उठाए व्यावहारिकता पर सवाल*

आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नेता विधान मंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण कानून(ऊ. प्र.विधि विरुद्ध धर्म सम परिवर्तन प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2024 ) को कटघरे में खड़ा करते हुए इसकी व्यावहारिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस कानून के बहाने भाजपा सरकार के द्वारा प्रदेश के लोगों पर पुलिस राज थोपने का प्रयास है। आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि इस संशोधन विधेयक में तमाम खामियां हैं जिसकी वजह से लोगों के जो मूल अधिकार है उनका हनन भी हो रहा है । जिससे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान का भी अपमान हो रहा है। हर व्यक्ति को अपनी बात,अपना पक्ष रखने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इस संशोधन विधेयक में FIR लिखते ही तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान है । उस व्यक्ति की जमानत बिना सरकारी वकील को सुने रोकना न्याय विधान के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन है। दूसरी इसकी कमी कि कोई भी व्यक्ति जो धर्मान्तरण में या करने वाले से संबंधित न हो वह भी FIR लिखा सकता है। जिससे इस कानून राजनीतिक दुरुपयोग हो सकता है। भाजपा सरकार ऐसा संशोधन विधेयक लेकर आई है जिसमें पुलिस की एक FIR से व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है। यदि FIR पर जेल जाने और 4-5 साल बाद निर्दोष साबित होने पर उस व्यक्ति के मूल स्वतंत्र अधिकारों का हनन हो सकता है। इसका ज़िम्मेदार और जवाबदेह कौन होगा ?

*मोना ने कहा अवैध धर्मांतरण कतई न हो*

नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने कहा अवैध धर्मांतरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए। यह बहुत बड़ा विषय है। इसके मूल जड़ समस्या में जाने की जरुरत है। मोना ने कहा कि इस संशोधन विधेयक पर हमारी मांग है कि इस पर एक न्यायिक आयोग बने जो समय के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि इसकी व्यावहारिकता भी बने।

*पेपर लीक होने से लाखों नौजवानों का भविष्य हो रहा बर्बाद*

कांग्रेस एमएलए आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामी से हो रहे पेपर लीक और नौजवानों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ के मुद्दे को उठाया। उन्होंने नकल माफियाओं पर कार्यवाही में भेदभाव का आरोप लगाया। आराधना मिश्रा ने कहा की पेपर लीक पर कानून पहले से ही है । कानून को और कठोर बनाया जा रहा है। आखिर सरकार भाजपा से जुड़े नकल माफियाओं पर एक्शन क्यों नहीं ले रही है। नकल माफियाओं के तार गुजरात से जुड़े हैं। सरकार उन पर कार्रवाई की इच्छा शक्ति क्यों नहीं जुटा पा रही। ,यदि नकल माफियाओं पर कार्रवाई में भेदभाव सरकार करेगी तो पेपरलीक कैसे रुकेगा? मोना ने कहा कि हम मांग करते हैं कि जो भी नकल माफिया है उन पर सख्त से सख्त निष्पक्ष कार्रवाई हो। किसी नकल माफिया का कोई जाति और धर्म नहीं होता। लेकिन भाजपा सरकार पेपरलीक कराने वाले माफियाओं को भी जाति धर्म और जगह देखकर कार्रवाई करने में भेदभाव कर रही है। जिससे प्रदेश के नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो रहा है इसकी जिम्मेदार सिर्फ भाजपा सरकार है कानून बनाने के साथ उसके पालन करने की भी इच्छा शक्ति की जरूरत है ।

*अनुपूरक बजट पर कहा कि सरकार प्रदेश में कर रही बनावटी विकास*

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना ने अनुपूरक बजट पर सरकार को घेरते हुए कहा की सरकार प्रदेश में बनावटी विकास के नाम पर अनुपुरक बजट आई है। जिससे प्रदेश का कोई भी भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्य बजट में प्रदेश के विकास के महत्त्वपूर्ण स्तंभ वाले आधारभूत विभागों को आवंटित धनराशि का 50 प्रतिशत भी खर्च न कर पाना सरकार द्वारा प्रदेश के विकास की नाकामी को दर्शाता है। वह विभाग जिनका प्रदेश के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है चाहे वह स्वास्थ्य हो , शिक्षा हो, सड़क हो या परिवहन, अपना आधे से ज्यादा पैसा खर्च नहीं कर पाए। ऐसे में अनूपूरक बजट की व्यवहारिकता और सरकार की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हम मांग करते हैं कि सरकार मुख्य बजट के खर्चे पर श्वेत पत्र लेकर आए और प्रदेशवासियों को सदन के माध्यम से बताए कि मुख्य बजट क्यों खर्च नहीं हो पाया, सिर्फ संख्या बड़ी कर देने से विकास नहीं होता उसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति की जरूरत होती है ।

*हर घर नल योजना में पाइप की गुणवत्ता खराब*

कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने प्रदेश में हर घर नल योजना के तहत बिछाई जा रही वाटर लाइन की कमजोर गुणवत्ता के मुद्दे को उठाया। उन्होने उसके सुचारू संचालन में सरकार की उदासीनता को उजागर किया।
आराधना मिश्रा मोना ने कहा उत्तर प्रदेश में सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना 2019 में शुरू हुई और दिसंबर 2024 तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य था। लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज 6 वर्ष के बाद जुलाई तक मात्र 41883 गांव में ही यह परियोजना पहुंच पाई है, जबकि प्रदेश के 96887 गांव कवर होने बाकी हैं। अभी अंतिम तिथि तक तय लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी काम पूरा नही हो सका और जहां काम पूरा भी हुआ वहां इसके संचालन को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। जनता का इतना पैसा खर्च होने के बाद भी इसके संचालन को लेकर सरकार की तरफ से कोई ठोस प्रबंध नहीं किए गए हैं। हर घर नल योजना में उपयोग की जा रही निर्माण सामग्री की खराब गुणवत्ता बहुत गंभीर विषय है। लगातार मीडिया में इसकी घटिया क्वालिटी पर सवाल उठ रहे हैं, जो मानक के विपरीत पाइप इस्तेमाल किये जा रहे हैं, अभी कुछ दिनों पहले एक घटना मथुरा में हुई। पानी की टंकी बनी और कुछ ही महीनों के अन्दर पानी की टंकी भर भराकर गिर गई। ऐसे तमाम उदाहरण हैं, दूसरा सबसे बड़ा विषय इसके संचालन को लेकर है इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद इसे ग्राम पंचायत को सौंप दिया जा रहा है । लेकिन उसके संचालन के लिए कोई भी वित्तीय प्रबंध सरकार के द्वारा नहीं किए गए। ऐसे में एक तरह से ग्राम पंचायत के लिए भेजे गए विकास के पैसे को काटकर ही इस योजना को चलाने की सरकार की मंशा है जो पूरी तरीके से अनुचित है । हमारी मांग है कि इस परियोजना के संचालन के लिए अलग से वित्तीय प्रबंध हो ताकि ग्राम सभा के नियमित वित्त पर भार न पड़े और संचालन के लिए जरूरी कर्मचारी एवम आवश्यक सामग्री हेतु वित्तीय कमी से न जूझना पड़े ।

 

T.N. MISHRA

SENIOR JOURNALIST

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