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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, पत्नी ने दायर की याचिका।

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, पत्नी ने दायर की याचिका।

लद्दाख के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ने अब नया मोड़ ले लिया है। उनकी पत्नी गीतांजलि आंगमो ने इस कार्रवाई के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। शुक्रवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका दाखिल करते हुए वांगचुक की हिरासत को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया।

गीतांजलि आंगमो का कहना है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। उनका आरोप है कि सरकार ने बिना उचित कारण बताए, उन्हें हिरासत में लिया है और इससे संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। याचिका में अदालत से अपील की गई है कि इस गिरफ्तारी को रद्द किया जाए और वांगचुक को तुरंत रिहा किया जाए।

वांगचुक का संघर्ष

सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरणीय मुद्दों को उठाते रहे हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और स्थानीय समुदायों की आजीविका से जुड़े सवालों पर लगातार आवाज़ बुलंद की है। वांगचुक का मानना है कि सरकार की विकास योजनाएं पर्यावरण और स्थानीय संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिस पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।

गिरफ्तारी पर उठे सवाल

उनकी गिरफ्तारी के बाद से लद्दाख ही नहीं बल्कि देशभर में बुद्धिजीवी और सामाजिक संगठन सरकार के इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि वांगचुक को उनकी जनआंदोलनकारी भूमिका और लगातार उठाए जा रहे सवालों की वजह से निशाना बनाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट की भूमिका अहम

अब जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, यह देखना अहम होगा कि अदालत इस पर क्या रुख अपनाती है। यदि सुप्रीम कोर्ट वांगचुक की गिरफ्तारी को अनुचित मानता है, तो यह न केवल उनकी रिहाई का रास्ता खोल सकता है बल्कि भविष्य में पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा।

लोगों की उम्मीदें

वांगचुक को जानने वाले लोग और उनके समर्थक मानते हैं कि उनकी गिरफ्तारी एक साजिश का हिस्सा है ताकि लद्दाख में हो रहे जनांदोलन को दबाया जा सके। वहीं, सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है और लोगों ने उनकी रिहाई की मांग तेज़ कर दी है।

 

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