
“भारत अपना अपमान नहीं सहेगा, पीएम मोदी हैं बुद्धिमान नेता” – पुतिन का बड़ा बयान।
नई दिल्ली/मॉस्को।रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर सराहना की है। एक हालिया बयान में पुतिन ने पीएम मोदी को “बुद्धिमान और दूरदर्शी नेता” बताते हुए कहा कि मोदी हमेशा अपने देश और जनता के बारे में सोचते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि भारत कभी भी किसी प्रकार का अपमान या अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगा। यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति के परिप्रेक्ष्य में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें भारत की वैश्विक स्थिति और बढ़ती भूमिका की ओर इशारा है।
पुतिन ने क्यों दी ट्रंप को चेतावनी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुतिन ने अपने बयान में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी लिया और चेतावनी दी कि किसी भी देश, खासकर अमेरिका, को भारत की संप्रभुता और सम्मान से खिलवाड़ करने की भूल नहीं करनी चाहिए। पुतिन का कहना था कि भारत अब ऐसा देश नहीं है जिसे दबाया जा सके या जिसके फैसलों को नज़रअंदाज किया जा सके। उनका यह बयान अमेरिका और पश्चिमी देशों की नीतियों पर भी परोक्ष टिप्पणी माना जा रहा है, जहां कई बार भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को लेकर सवाल उठाए जाते हैं।
मोदी की विदेश नीति की सराहना
पुतिन ने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी हमेशा संतुलन की नीति अपनाते हैं और किसी दबाव में आए बिना अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हैं। रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दुनिया को यह दिखाया है कि एक उभरती हुई ताकत भी स्वतंत्र और दृढ़ नीतियां अपनाकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान कमा सकती है।
भारत-रूस संबंधों की मजबूती
अपने संबोधन में पुतिन ने भारत और रूस के रिश्तों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच दशकों से भरोसे और साझेदारी पर आधारित संबंध रहे हैं। शीत युद्ध के दौर से लेकर आज तक रूस ने भारत का साथ दिया है और भारत ने भी रूस पर विश्वास जताया है। रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। पुतिन का कहना था कि यह साझेदारी केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच “वास्तविक मित्रता” है।
“भारत की अनदेखी अब संभव नहीं”
पुतिन के अनुसार, आज का भारत एक ऐसी शक्ति है जिसकी अनदेखी करना किसी भी देश के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाले देशों में शामिल है और उसकी जनसंख्या, बाज़ार और तकनीकी क्षमता दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है। ऐसे में भारत का सम्मान करना और उसके साथ सहयोग बढ़ाना हर राष्ट्र की प्राथमिकता होनी चाहिए।
वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका
विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन का यह बयान केवल दोस्ती की औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह दुनिया को एक संदेश है कि भारत अब निर्णायक भूमिका निभा रहा है। चाहे ब्रिक्स (BRICS) हो, जी20 हो या फिर शंघाई सहयोग संगठन (SCO), भारत ने हमेशा संतुलित और स्वतंत्र रुख अपनाया है। यही कारण है कि पश्चिमी देशों के साथ संबंध बनाए रखते हुए भारत ने रूस और अन्य एशियाई देशों से भी गहरे रिश्ते कायम रखे हैं।
अमेरिका और पश्चिम के लिए संकेत
पुतिन की ट्रंप को दी गई चेतावनी को राजनयिक हलकों में एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि रूस यह स्पष्ट करना चाहता है कि भारत के साथ उसके संबंध किसी भी दबाव या अंतरराष्ट्रीय समीकरण से प्रभावित नहीं होंगे। अमेरिका और यूरोप यदि भारत को अपने हिसाब से चलाना चाहेंगे, तो यह संभव नहीं होगा क्योंकि भारत अब अपनी शर्तों पर संबंध तय करता है।
मोदी की लोकप्रियता और विश्व छवि
पुतिन का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता का भी प्रमाण है। पिछले कुछ वर्षों में मोदी ने विश्व मंच पर भारत की छवि को मजबूती से रखा है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, तकनीकी विकास और वैश्विक अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर भारत की आवाज़ अब निर्णायक मानी जाती है। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति द्वारा की गई यह प्रशंसा भारत की बढ़ती ताकत को और भी रेखांकित करती है।
पुतिन का यह बयान भारत के लिए कूटनीतिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने न केवल मोदी को एक बुद्धिमान नेता कहा, बल्कि यह भी जताया कि भारत अब किसी का दबाव सहने वाला देश नहीं है। यह संदेश अमेरिका, पश्चिमी देशों और दुनिया के उन सभी राष्ट्रों के लिए है जो भारत को हल्के में लेने की भूल कर सकते हैं।
आज का भारत आत्मनिर्भर है, अपने हितों के लिए दृढ़ है और किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं। पुतिन के शब्द न केवल भारत-रूस दोस्ती की गहराई को दर्शाते हैं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका का भी प्रतीक हैं।



