
उज्जैन में इंस्टाग्राम फ्रेंडशिप से रचा गया अपहरण का खेल, पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया।
उज्जैन – मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक बड़े आपराधिक गैंग का राज़ खुला है, जो सोशल मीडिया पर दोस्ती कर युवकों को जाल में फंसाता था। ताज़ा मामला शहर के प्रॉपर्टी डीलर राहुल राठौर से जुड़ा है।
ऐसे रचा गया षड्यंत्र
राहुल की दोस्ती इंस्टाग्राम पर कृतिका जैन नाम की युवती से हुई थी। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और 11 सितंबर को कृतिका ने उसे मिलने के लिए बुलाया। राहुल को अंदाज़ा भी नहीं था कि यह मुलाक़ात उसकी ज़िंदगी का सबसे खतरनाक अनुभव बनने जा रही है।
मुलाक़ात के दौरान अचानक कृतिका के साथी वहाँ आ पहुँचे और राहुल को जबरन कार में बैठाकर ले गए। रास्ते में उसे बुरी तरह डराया-धमकाया गया और 50 लाख रुपये की फिरौती माँगी गई। इतना ही नहीं, धमकी दी गई कि अगर रकम नहीं दी तो उसे झूठे रेप केस में फंसा दिया जाएगा।
काफी खींचतान के बाद सौदा 15 लाख रुपये पर तय हुआ। मगर किस्मत ने इस बार आरोपियों का साथ नहीं दिया। जिस कार में राहुल को लेकर भागा जा रहा था, वह अचानक पलट गई। इसी दौरान मामला पुलिस तक पहुँचा और सभी आरोपी मौके पर ही दबोच लिए गए।
पुलिस के शिकंजे में पूरा गैंग
पुलिस ने कृतिका जैन के साथ उसकी साथियों पुष्पा, भारती, अनुजा, संजय और भगवान सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि यह कोई छोटा-मोटा गिरोह नहीं बल्कि ‘शादी ठगी गैंग’ है।
इस गैंग की कार्यप्रणाली बेहद शातिर है —
कुछ लड़कियाँ दुल्हन बनती हैं।उनके साथी खुद को परिवारजन की तरह पेश करते हैं।किसी अविवाहित युवक को शादी के लिए फंसाते हैं।शादी के बाद नए दूल्हे के घर से नकदी और जेवरात लेकर पूरा गैंग फरार हो जाता है।
बड़ा नेटवर्क, कई शिकार
पुलिस को शक है कि इस गिरोह ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कई लोगों को इसी तरह ठगा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नकली रिश्तों के बहाने शिकार ढूँढे जाते थे और फिर शादी या दोस्ती के नाम पर ब्लैकमेलिंग और लूटपाट की जाती थी।
पुलिस की अपील
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और अब इनके नेटवर्क की गहराई से जाँच की जा रही है। साथ ही, युवाओं से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर किसी भी अंजान व्यक्ति से दोस्ती करने और निजी मुलाकात तय करने से पहले सतर्क रहें।
यह मामला सिर्फ एक किडनैपिंग नहीं बल्कि सोशल मीडिया फ्रेंडशिप के जरिए संगठित अपराध का ताज़ा उदाहरण है। उज्जैन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर गैंग का भंडाफोड़ किया, लेकिन इससे यह भी साफ है कि ऐसे गिरोह युवाओं को निशाना बनाकर बड़ी वारदातों को अंजाम देने में जुटे हैं।



