उत्तर प्रदेश

UPPCL में छंटनी का संकट: निकाले गए कर्मचारियों की बहाली की मांग तेज, प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप।

UPPCL में छंटनी का संकट: निकाले गए कर्मचारियों की बहाली की मांग तेज, प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) में आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कॉरपोरेशन के संविदा/निविदा कर्मचारी संघ ने एक बार फिर निकाले गए कर्मचारियों की बहाली की मांग उठाई है और प्रबंधन पर अपने ही आश्वासनों से पीछे हटने का आरोप लगाया है।

संघ के महामंत्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने अपने ही आदेशों की अनदेखी करते हुए करीब 45% आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। छंटनी के बाद कर्मचारी संगठन ने 23 मई 2025 को कॉरपोरेशन अध्यक्ष की मौजूदगी में वार्ता की थी। उस बैठक में निर्णय हुआ था कि 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्रों पर तैनाती के मानक तय करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी।

समिति की रिपोर्ट पर अटका मामला

बैठक के दो महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद समिति की रिपोर्ट सामने नहीं आई। इसी बीच 4 सितंबर 2025 को फिर से हुई वार्ता में कॉरपोरेशन अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि 15 दिन के भीतर समिति की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी और उसी आधार पर हटाए गए कर्मचारियों की बहाली पर कदम उठाए जाएंगे।

लेकिन तय समयसीमा बीतने के बावजूद न तो रिपोर्ट दी गई और न ही छंटनी कर्मचारियों को वापस लेने पर कोई ठोस कार्रवाई हुई।

संघ ने लिखा पत्र, जताई नाराजगी

स्थिति से नाराज होकर संगठन ने 22 सितंबर 2025 को कॉरपोरेशन अध्यक्ष को पत्र लिखकर रिपोर्ट तत्काल जारी करने और छंटनी कर्मचारियों को पुनः कार्य पर रखने की मांग की है।

संघ का कहना है कि अगर प्रबंधन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।

 

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